📌 प्रस्तावना: दीपावली 2025 का सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य ✨🌸🌏
दीपावली, जिसे दीपोत्सव कहा जाता है, भारतीय जीवन का सबसे बड़ा सामाजिक-सांस्कृतिक उत्सव है। यह धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है बल्कि यह भारतीय सभ्यता की गहराई और विविधता का जीवंत प्रतीक है। यह पर्व प्रकाश और अंधकार, सत्य और असत्य, तथा नैतिकता और अनैतिकता के बीच शाश्वत संघर्ष को दर्शाता है और लोगों के जीवन में आशा, सकारात्मकता और उत्साह भरता है।
दीपावली 2025 विशेष रूप से उल्लेखनीय है क्योंकि यह सोमवार को पड़ रही है—जो ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है। इस वर्ष विशेष ग्रह-योग जैसे धन योग और अमृत योग का भी संयोग बन रहा है, जिनका प्रभाव धार्मिक अनुष्ठानों से लेकर आर्थिक लेन-देन, व्यापार, परिवारिक संबंधों और सामाजिक विश्वास तक देखने को मिलेगा। यह समय न केवल आध्यात्मिक उन्नति के लिए बल्कि व्यावहारिक जीवन में सफलता के लिए भी उपयुक्त माना जा रहा है।
दीपावली 2025 का मुख्य आयोजन 20 अक्टूबर (सोमवार) को होगा। यह दिन अमावस्या तिथि को पड़ता है। शास्त्रों के अनुसार, अमावस्या की रात्रि में ही महालक्ष्मी का पृथ्वी पर आगमन होता है। यह रात आध्यात्मिक और आर्थिक समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है।
🕒 लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त:
पूजा का समय: सायं 6:45 बजे से 8:25 बजे तक (1 घंटा 40 मिनट)
अमावस्या प्रारंभ: 20 अक्टूबर, प्रातः 6:35 बजे
अमावस्या समाप्त: 21 अक्टूबर, प्रातः 4:50 बजे
✨ विशेष योग और महत्त्व:
इस दिन सिद्धि योग, धन योग और अमृत योग का निर्माण होगा। ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, इन योगों में संपन्न कार्य विशेष रूप से सफल होते हैं। व्यापारी वर्ग और निवेशक इस समय को नए कार्यों के आरंभ और पूंजी निवेश के लिए अत्यंत अनुकूल मानते हैं। परिवारिक दृष्टि से भी यह मुहूर्त सौहार्द और शांति स्थापित करने वाला होगा।
👉 यह मुहूर्त केवल धार्मिक नहीं बल्कि मानसिक स्थिरता, आर्थिक विकास और पारिवारिक सौहार्द के लिए भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
🌟 ऐतिहासिक और दार्शनिक विमर्श 📖🏛️🔮
दीपावली के पीछे समृद्ध ऐतिहासिक और दार्शनिक परंपराएँ जुड़ी हैं। विभिन्न धर्मों और समुदायों में इसे अलग-अलग संदर्भों से जोड़ा गया है:
रामायण प्रसंग: भगवान राम के अयोध्या लौटने पर दीप प्रज्वलन।
महाभारत प्रसंग: पांडवों के वनवास समाप्ति पर दीपदान।
समुद्र मंथन कथा: लक्ष्मी का अवतरण और धन-समृद्धि का प्रतीक।
जैन परंपरा: महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस।
सिख परंपरा: गुरु हरगोविंद सिंह की कारावास मुक्ति।
इन कथाओं का सम्मिलित प्रभाव यह है कि दीपावली केवल धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक समरसता, नैतिक चिंतन और आध्यात्मिक जागरण का भी प्रतीक है। यह विविधता इस पर्व को भारत की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बनाती है।
🏠 सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों का केंद्र 🎁🏬🎉
दीपावली केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि समग्र सामाजिक और आर्थिक जीवन को प्रभावित करने वाला पर्व है।
✔ प्रमुख गतिविधियाँ:
गृह-सफाई और सौंदर्यीकरण: शुद्धता, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक।
सजावट और रोशनी: पारंपरिक दीये और आधुनिक LED लाइट्स का संगम।
नव-वस्त्र और आभूषण: सामाजिक प्रतिष्ठा और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति।
मिष्ठान और भोज: साझा अनुभव और पारिवारिक एकता का माध्यम।
व्यापारिक अनुष्ठान: पुराने खातों का समापन और नए वित्तीय वर्ष का आरंभ।
💰 पाँच दिवसीय उत्सव की संरचना 🪙📅🌺
दीपावली केवल एक दिन का नहीं बल्कि पाँच दिवसीय भव्य उत्सव है:
धनतेरस (18 अक्टूबर): धातु क्रय, स्वास्थ्य और समृद्धि।
नरक चतुर्दशी (19 अक्टूबर): पवित्रता, स्नान और नकारात्मकता का नाश।
लक्ष्मी पूजन (20 अक्टूबर): मुख्य अनुष्ठान और समृद्धि की प्रार्थना।
गोवर्धन पूजा (21 अक्टूबर): अन्नकूट और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता।
भाई दूज (22 अक्टूबर): भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा का उत्सव।
यह पाँच दिवसीय संरचना केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है बल्कि मानव जीवन की विभिन्न परतों—आर्थिक, सामाजिक और भावनात्मक—को जोड़ती है।
🌍 वैश्विक परिप्रेक्ष्य 🗺️🌎🎆
दीपावली आज केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वैश्विक सांस्कृतिक प्रतीक बन चुकी है।
अमेरिका: न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वेयर में दिवाली का भव्य आयोजन।
यूके: लंदन की सड़कों पर सामुदायिक जुलूस और प्रदर्शन।
सिंगापुर और मलेशिया: ‘लिटिल इंडिया’ में रंगारंग सजावट।
नेपाल: ‘तिहार’ उत्सव में पशु पूजन और भाई दूज जैसी परंपरा।
फिजी और मॉरीशस: प्रवासी भारतीयों के बीच गहरा उत्साह।
यह प्रवृत्ति दिखाती है कि दीपावली संस्कृति, पहचान और वैश्विक सामंजस्य का एक महत्वपूर्ण साधन बन चुकी है।
📊 आर्थिक और डिजिटल प्रभाव 💻📈🛍️
2025 में दीपावली का आर्थिक और डिजिटल आयाम और भी व्यापक होगा:
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर मेगा सेल।
स्मार्ट डिवाइसेज़, इलेक्ट्रॉनिक्स और आभूषणों की अधिक मांग।
डिजिटल भुगतान और फिनटेक नवाचारों का बढ़ता प्रयोग।
सोशल मीडिया पर आधारित उपभोक्ता संस्कृति और ट्रेंडिंग कैंपेन।
⚡ चित्र सुझाव: ई-कॉमर्स और डिजिटल मार्केटिंग का इन्फोग्राफिक।
✅ चेकलिस्ट 2025 📋🕯️🎀
- गृह-स्वच्छता और सजावट की तैयारी
नवीन वस्त्र एवं आभूषण क्रय
पूजन सामग्री का संकलन
उपहार और सामाजिक जिम्मेदारी कार्य
पर्यावरण-अनुकूल पटाखे (ग्रीन क्रैकर्स)
डिजिटल भुगतान विकल्पों का प्रयोग
ऑनलाइन शॉपिंग ट्रेंड्स पर शोध
🔒 पर्यावरणीय और नैतिक विमर्श 🌿🌌🌱
दीपावली का पर्व हमें यह सोचने का अवसर देता है कि उत्सव और पर्यावरण संरक्षण को किस तरह संतुलित किया जा सकता है।
ग्रीन क्रैकर्स और सीमित आतिशबाजी।
ऊर्जा-संरक्षण और LED लाइट्स का उपयोग।
पर्यावरण-अनुकूल सजावट और रीसायकल सामग्री।
समाज के वंचित वर्गों की सहायता और सामाजिक दायित्व।
दीपावली पूजन विधि: परंपरा और प्रतीकात्मक अर्थ 🪔🙏📚✨🕯️🎆🌟
दीपावली का पूजन, विशेषकर लक्ष्मी-गणेश अनुष्ठान, केवल धार्मिक क्रियाकलाप नहीं है बल्कि यह समृद्धि, मानसिक शांति, सामाजिक सौहार्द और व्यक्तिगत व सामुदायिक संतुलन का प्रतीक भी है। आधुनिक समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से, यह प्रक्रिया पारिवारिक और सामुदायिक संबंधों को सुदृढ़ करती है और सांस्कृतिक पहचान को पुष्ट करती है। दीपावली के अवसर पर घरों, कार्यस्थलों और सार्वजनिक स्थलों को सजाना, दीप जलाना और सामूहिक पूजा करना सामाजिक और सांस्कृतिक पुनरुत्थान का एक प्रभावशाली माध्यम है 🕯️✨🪔🎇💡🌟।
पूजन विधि: विस्तृत और अनुशंसित कदम 📝🙏🎆🌟
गृह और कार्यस्थल की विस्तृत सफाई और अव्यवस्था का उन्मूलन।
दरवाजों और आंगनों में रंगोली, तोरण और पुष्प सजावट।
पूजा स्थल पर लाल, पीले या नारंगी वस्त्र की व्यवस्था।
गणेश और लक्ष्मी की मूर्ति/चित्र की प्रतिष्ठा, दीपमालाओं का संयोजन।
कलश स्थापना: जल, सुपारी, सिक्के, आम्रपत्र और हल्दी का नियोजन।
धूप, अगरबत्ती और दीप प्रज्वलन।
कुमकुम, चावल, पुष्प और नैवेद्य अर्पित करना।
लक्ष्मी मंत्र "ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः" और गणेश मंत्र का 11 या 21 बार जाप।
प्रसाद, मिठाई और फल परिवार और मेहमानों में वितरित करना।
आरती और दीपदान के माध्यम से सामूहिक सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव।
पूजा के बाद परिवार और मित्रों के साथ सांस्कृतिक संवाद और अनुभव साझा करना।
पारंपरिक गीत, भजन और कथाओं के माध्यम से ज्ञान और मूल्य संवर्धन।
👉 इस प्रक्रिया में बच्चों और युवाओं को शामिल करना उन्हें भारतीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपराओं से जोड़ता है, सामाजिक उत्तरदायित्व की समझ विकसित करता है और जीवन मूल्यों की सीख प्रदान करता है 🪔🌟📖🎆💫🌄।
बच्चों और युवाओं के लिए दीपावली का सामाजिक और शैक्षणिक महत्व 👨👩👧👦📖🌟🎇🪔✨💡
दीपावली केवल रोशनी और पटाखों का उत्सव नहीं है, बल्कि यह बच्चों और युवाओं के लिए नैतिक शिक्षा, संस्कार, सामाजिक जागरूकता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी का अवसर भी है। सामाजिक मनोविज्ञान के दृष्टिकोण से, यह पर्व सामूहिकता, सहयोग, नेतृत्व और सहानुभूति के मूल्यों को पुष्ट करता है 🕯️🪔✨🎆🌟💡।
बच्चों को रामायण, महाभारत और पुराणों की दिवाली-कथाओं के माध्यम से नैतिक और ऐतिहासिक शिक्षा देना।
युवाओं को पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक सेवा और दान-पुण्य की अवधारणाओं के प्रति जागरूक करना।
शैक्षणिक संस्थानों में ग्रीन दिवाली प्रोग्राम्स, दीपदान प्रतियोगिता, वृक्षारोपण, सामुदायिक कार्यशालाएँ और डिजिटल क्रिएटिव प्रोजेक्ट्स आयोजित करना।
विद्यार्थियों को सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से दिवाली की गतिविधियों के महत्व को समझाना।
उदाहरण: दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु के स्कूलों में अब LED लाइटिंग प्रतियोगिता, दीयों की सजावट प्रोजेक्ट्स और डिजिटल ग्रीन दिवाली अभियान आयोजित किए जाते हैं, जिससे छात्रों में जिम्मेदारी, रचनात्मकता, पर्यावरणीय चेतना और तकनीकी कौशल का विकास होता है 🪔📚🌟🎇💡✨।
👉 युवाओं के लिए यह पर्व सकारात्मक सोच, सामाजिक योगदान, सांस्कृतिक जागरूकता और नेतृत्व कौशल का एक महत्वपूर्ण मंच बन जाता है 🎆✨🕯️🌄💫🪔।
दीपावली और व्यवसायिक एवं आर्थिक आयाम 💼📈🛍️💡🎯✨🪔🌟
- दीपावली का आर्थिक और व्यावसायिक महत्व व्यापक रूप से अध्ययन का विषय है। यह खपत, उपभोक्ता व्यवहार में परिवर्तन, विपणन रणनीति और ब्रांड प्रबंधन का अवसर प्रस्तुत करता है। छोटे-बड़े व्यापारी, स्टार्टअप्स और MSMEs इस समय अपने ब्रांड मूल्य, बिक्री लक्ष्यों और ग्राहक जुड़ाव को सुदृढ़ करते हैं 🪔✨📈🎆💡🌟।
ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म्स: Amazon, Flipkart, Myntra आदि पर दिवाली सेल के दौरान खरीदारी में अभूतपूर्व वृद्धि।
स्थानीय बाजार और मॉल्स: मिठाई, आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक्स, परिधान और गिफ्टिंग उत्पादों की उच्च बिक्री।
निवेश और वित्तीय अवसर: सोना, चांदी, गाड़ियाँ, संपत्ति और शेयर बाजार निवेश की परंपरा।
ब्रांड और स्टार्टअप्स: त्योहार के अवसर पर विशेष ऑफ़र, कस्टमाइज़्ड पैकेज, सोशल मीडिया अभियान और ग्राहक अनुभव कार्यक्रम।
डिजिटल कैम्पेनिंग: लाइव वीडियो, ऑनलाइन प्रतियोगिता, कूपन कोड और इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग के माध्यम से बिक्री बढ़ाना।
👉 दिवाली उद्यमियों और व्यवसायियों के लिए सालाना बिक्री में वृद्धि, ब्रांड इमेज सुदृढ़ करने और डिजिटल मार्केटिंग में नवाचार करने का सर्वोत्तम अवसर है 🕯️💡✨🎇🌟🪔।
डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया ट्रेंड्स 2025 📱🌐💡🪔✨🎆💫
डिजिटल युग में दीपावली अब केवल पारंपरिक उत्सव नहीं रही, बल्कि यह ऑनलाइन सांस्कृतिक इंटरैक्शन, डिजिटल रचनात्मकता और उपभोक्ता जुड़ाव का प्रमुख माध्यम बन गया है 🎇📖✨🪔🌟💡।
इंस्टाग्राम रील्स, यूट्यूब शॉर्ट्स और स्नैपचैट पर DIY सजावट, रेसिपी, पारिवारिक गतिविधियाँ और दिवाली-हैक्स का प्रसार।
फेसबुक और इंस्टाग्राम पर ई-कॉमर्स ब्रांड्स विशेष दिवाली ऑफ़र और अभियान आयोजित करेंगे।
व्हाट्सएप बिज़नेस के माध्यम से छोटे व्यापारी व्यक्तिगत ऑफर, मेसेजिंग और ग्राहक अनुभव साझा करेंगे।
ट्विटर (X) और लिंक्डइन पर #GreenDiwali, #Diwali2025, #EcoFriendlyDiwali, #SustainableCelebration जैसे हैशटैग ट्रेंड करेंगे।
डिजिटल कंटेंट क्रिएशन में AR/VR अनुभव, इंटरैक्टिव प्रतियोगिताएँ और लाइव स्ट्रीमिंग का समावेश।
डिजिटल मार्केटिंग और सोशल प्लेटफ़ॉर्म्स दिवाली में उपभोक्ता-संबंधित रणनीतियों को सशक्त करते हैं और व्यवसायियों के लिए प्रभावी विपणन, उपभोक्ता जुड़ाव और ब्रांड जागरूकता के व्यापक अवसर प्रस्तुत करते हैं 🪔📱✨🎆💡🌟।
भारतीय सांस्कृतिक उदाहरण और प्रेरक केस स्टडीज़ 🇮🇳🌟🏛️🎆✨🪔💫
दीपावली की विविधता और समृद्धि भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर का जीवंत उदाहरण है 🕯️📖✨🎇💡🌟।
मुंबई में लालबाग के राजा की सजावट लाखों भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करती है और सामुदायिक सहयोग को प्रोत्साहित करती है।
वाराणसी की गंगा आरती और दीपदान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित हैं और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देते हैं।
जयपुर की गलियाँ रोशनी और सजावट के माध्यम से सांस्कृतिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन जाती हैं।
राजस्थान और उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में मिट्टी के दीये, पारंपरिक सजावट और सामुदायिक आयोजन आज भी जीवंत परंपरा को दर्शाते हैं।
छोटे शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक समारोह, मिलन कार्यक्रम और शिक्षण कार्यशालाएँ सामाजिक संगठन और सामूहिक पहचान को सुदृढ़ करती हैं।
👉 ये केस स्टडीज़ दीपावली के सांस्कृतिक, सामाजिक, पर्यावरणीय और डिजिटल पहलुओं को समझने, अपनाने और वैश्विक दृष्टिकोण से मूल्यांकन करने का अवसर प्रदान करती हैं 🪔🌟📚🎆✨💡।
दीपावली 2025 चेकलिस्ट और अनुशंसाएँ ✅🪔🎁📝🎇✨🌟
- घर और कार्यस्थल की संपूर्ण सफाई और सजावट।
लक्ष्मी-गणेश पूजन के लिए सभी सामग्री और व्यवस्था।
ग्रीन क्रैकर्स और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प अपनाना।
परिवार, मित्र और समुदाय के साथ उपहार और प्रसाद का आदान-प्रदान।
ऑनलाइन और ऑफलाइन खरीदारी में लाभ उठाना।
बच्चों और युवाओं को सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक महत्व से अवगत कराना।
जरूरतमंदों की सहायता और दान-पुण्य।
डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर शुभकामनाएँ और सांस्कृतिक संदेश साझा करना।
पर्यावरण और सामाजिक हित के कार्यक्रमों में भाग लेना।
पारिवारिक और सामुदायिक संवाद, ज्ञान और अनुभव साझा करना।
सोशल मीडिया पर स्थायी और सकारात्मक संदेश साझा करना।
स्थानीय और वैश्विक स्तर पर सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ाने के प्रयास में भाग लेना।
निष्कर्ष 🔔✨🎉📖🪔🎇💡
👉 दीपावली 2025 के इस अवसर पर अपने घर, समाज और व्यक्तिगत जीवन को रोशनी, प्रेम, समृद्धि, जिम्मेदारी और पर्यावरणीय चेतना से भरें 🎆🕯️✨🪔🌟💡।
👉 इस गाइड को परिवार, मित्र और सामाजिक नेटवर्क पर साझा करें ताकि सांस्कृतिक और पर्यावरणीय जागरूकता फैल सके 🪔📚🌟🎇✨💡।
👉 अधिक सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक और शिक्षा-संबंधित विश्लेषण और ब्लॉग पढ़ने के लिए हमारे प्लेटफ़ॉर्म से जुड़े रहें 🎇✨📖🪔🌟💡।
👉 इस पर्व का आनंद लेने के साथ-साथ सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारियों का निर्वहन करें, समुदाय और वैश्विक दृष्टिकोण से योगदान दें 🕯️💡🌟🎆✨🪔।
दीपों की जगमगाहट, खुशियों का हो संचार, 🪔✨🎇
माँ लक्ष्मी पधारें, खुले समृद्धि का द्वार। 💰🌟🕯️
हर मन में हो प्रेम, हर घर में हो उल्लास, ❤️🏡💫
आपको और आपके परिवार को शुभ दीपावली का प्यार। 🪔✨🎇
दीपावली 2025
प्रकाश, संस्कृति और समृद्धि का महापर्व
दीपावली, भारत का सबसे बड़ा सामाजिक-सांस्कृतिक उत्सव, अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। वर्ष 2025 में यह पर्व सोमवार, 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जो ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ है और धन तथा अमृत जैसे विशेष योगों से सुसज्जित है।
लक्ष्मी पूजन का मुख्य मुहूर्त
सायं 6:45 - 8:25
20 अक्टूबर, 2025 (सोमवार)
पंचदिवसीय उत्सव यात्रा
दीपावली एक दिन का नहीं, बल्कि पाँच दिनों का एक भव्य उत्सव है जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रकाशित करता है।
18 अक्टूबर
धनतेरस
स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए धातु क्रय का दिन।
19 अक्टूबर
नरक चतुर्दशी
नकारात्मकता का नाश और पवित्रता का प्रतीक।
20 अक्टूबर
लक्ष्मी पूजन
मुख्य अनुष्ठान, समृद्धि और प्रकाश का दिन।
21 अक्टूबर
गोवर्धन पूजा
प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और अन्नकूट का उत्सव।
22 अक्टूबर
भाई दूज
भाई-बहन के अटूट प्रेम और सुरक्षा का पर्व।
पर्व की ऐतिहासिक आत्मा
दीपावली की जड़ें भारत की विभिन्न ऐतिहासिक और दार्शनिक परंपराओं में गहरी हैं, जो इसे सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बनाती हैं।
🏹 रामायण प्रसंग
भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटने के सम्मान में दीप प्रज्वलन।
🎲 महाभारत प्रसंग
पांडवों के वनवास की समाप्ति और हस्तिनापुर में उनकी वापसी के उपलक्ष्य में दीपदान।
🏺 समुद्र मंथन
धन और समृद्धि की देवी, लक्ष्मी के समुद्र से अवतरण का उत्सव।
🧘♂️ जैन परंपरा
भगवान महावीर के निर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो आंतरिक ज्ञान के प्रकाश का प्रतीक है।
⚔️ सिख परंपरा
छठे गुरु हरगोविंद सिंह जी की 52 राजाओं के साथ कारावास से मुक्ति का दिवस।
और भी कई सांस्कृतिक कथाएँ इस पर्व को समृद्ध बनाती हैं।
आधुनिक विश्व में दीपावली
आज दीपावली केवल एक पारंपरिक त्योहार नहीं, बल्कि एक वैश्विक सांस्कृतिक और आर्थिक परिघटना बन चुकी है।
एक जिम्मेदार उत्सव
दीपावली हमें यह अवसर देती है कि हम उत्सव के आनंद को पर्यावरण और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी के साथ संतुलित करें।
❇️
ग्रीन क्रैकर्स
कम प्रदूषण वाले और पर्यावरण-अनुकूल पटाखों का उपयोग करें।
💡
ऊर्जा संरक्षण
पारंपरिक दीयों के साथ ऊर्जा बचाने वाली LED लाइट्स का प्रयोग करें।
🎁
सामाजिक दायित्व
समाज के वंचित वर्गों की सहायता करें और खुशियाँ साझा करें।
दीपावली 2025
दीपावली 2025 का सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य
यह एप्लिकेशन दीपावली 2025 के विभिन्न पहलुओं का एक व्यापक और इंटरैक्टिव अवलोकन प्रदान करता है। यहां आप शुभ मुहूर्त, त्योहार की संरचना, ऐतिहासिक महत्व और आधुनिक संदर्भों का पता लगा सकते हैं।
🪔 दीपावली आगमन 🪔
लक्ष्मी पूजन मुहूर्त
(20 अक्टूबर, सोमवार)
सायं 6:45 - 8:25
(अवधि: 1 घंटा 40 मिनट)